और यह सब न हो तो बिना मैदान के ही कुरुक्षेत्र हो जाता है .
ek nai aur adbhud soch.....
bahut hi acchi soch....
bilkul sahi ...
हर मन एक कुरुक्षेत्र ही तो है , जहाँ हम ही लड़ने वाले , हारने वाले और जीतने वाले भी !
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
और यह सब न हो तो बिना मैदान के ही कुरुक्षेत्र हो जाता है .
जवाब देंहटाएंek nai aur adbhud soch.....
जवाब देंहटाएंbahut hi acchi soch....
जवाब देंहटाएंbilkul sahi ...
जवाब देंहटाएंहर मन एक कुरुक्षेत्र ही तो है , जहाँ हम ही लड़ने वाले , हारने वाले और जीतने वाले भी !
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