मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

कठिनाईयों से डर कैसा ?

कठिनाई ना हो तो मकसद ना हो
मकसद ना हो तो रास्‍ते नहीं, रास्‍ते नहीं तो मंजिल नहीं
 .. तो कठिनाईयों से डर कैसा ?

- रश्मि प्रभा 

5 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा है ... कठिनाइयां नए रास्तों को खोलती हैं ...

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  2. कठिनाई ना हो तो मकसद ना हो
    मकसद ना हो तो रास्‍ते नहीं, रास्‍ते नहीं तो मंजिल नहीं
    *****************************************
    कठिनाइयो से डर नहीं...... केवल ये पताहो ,डगर सही है.......

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  3. हां आपने शायद सही कहा दी..
    मगर कभी कभी तोड़ देती हैं कठिनाइयाँ..

    सादर.
    शुक्रिया सदा जी.

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  4. बहुत सही कहा है आपने..
    आपकी बाते तो जैसे उर्जा लाती है
    और मन में नए विश्वास जगाती है...

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...