शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

चिंतन ...

संघर्ष,हार व्यक्तित्व की इतनी काट-छांट करते हैं 
कि ऐसे व्यक्तित्व की भाषा नुकीली पर सार्थक होती है 

 - रश्मि प्रभा

5 टिप्‍पणियां:

  1. संघर्ष और हार मनुष्य की कोमलता को सोख लेते हैं ! लेकिन उसके बाद जो बचता है वह कठोर सत्य होता है जिसका सामना करना हरेक के बस में नहीं होता ! सार्थक चिंतन !

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