tag:blogger.com,1999:blog-8278540981144514398.post6764334778713108913..comments2023-09-21T15:26:09.017+05:30Comments on आत्म-चिंतन: चिंतन ...सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8278540981144514398.post-4495975529474006172012-08-18T13:10:58.059+05:302012-08-18T13:10:58.059+05:30सत्य के प्रति आस्था फफोलों का मरहम है।सत्य के प्रति आस्था फफोलों का मरहम है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8278540981144514398.post-91753211746772895662012-08-18T10:47:22.579+05:302012-08-18T10:47:22.579+05:30सच के फ़फोले समय के मलहम से ठीक हो कुंदन बन निखर ज...सच के फ़फोले समय के मलहम से ठीक हो कुंदन बन निखर जायेंगें !विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8278540981144514398.post-65910278508028542932012-08-18T10:19:20.179+05:302012-08-18T10:19:20.179+05:30होंठों पर सच यूँ जमा, ज्यों शिखरों पर बर्फ ।
पपड़...होंठों पर सच यूँ जमा, ज्यों शिखरों पर बर्फ ।<br /><br />पपड़ी परतों में जमीं, जमें सत्य के हर्फ़ ।<br /><br />जमें सत्य के हर्फ़, दर्प की जली मशालें ।<br /><br />रहा जलाता मर्म, फफोले जलते छाले ।<br /><br />रविकर अब निश्तेज, भेज कोई रखवाला ।<br /><br />कैद करे ये झूठ, लगाए मरहम आला ।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com